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Showing posts from May, 2011

Man with 90 Kids Wants More

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. UAE Man with 90 Kids Wants More CHENNAI: UAE national Daad Mohammed Al Balushi has 90 children from 17 wives . He also has 50 grandchildren . Another marriage is on the cards in two days time — with a Pakistani national. But Balushi is already prospecting for his next wife — preferably from India. Speaking to TOI from Manamah in the emirate of Ajman over telephone, he said: ''I'm visiting Jaipur next month to replace a leg I lost in an accident with an artificial limb. During my trip to India I hope to find an Indian wife. All my wives are uneducated. I am looking for an Indian bride who is educated and should be in the age group of 18 to 22 .'' On asked why he is choosing an Indian bride, Balushi, 65, said: ''India commands the respect of the world today. There are many women around who want to marry me but I want an Indian girl as Indian women are humane, and well raised with solid values." Shariah law says Balushi can have

ओसामा का जीवन-सफ़र

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. ओसामा बिन लादेन का जीवन-सफ़र नए दस्तावेज ओसामा के तोरा बोरा से निकलने की अलग ही कहानी बताते हैं. सऊदी अरब के एक धनी परिवार में दस मार्च 1957 में पैदा हुए ओसामा बिन लादेन, अमरीका पर 9/11 के हमलों के बाद दुनिया भर में चर्चा में आए. वे मोहम्मद बिन लादेन के 52 बच्चों में से 17वें थे. मोहम्मद बिन लादेन सऊदी अरब के अरबपति बिल्डर थे जिनकी कंपनी ने देश की लगभग 80 फ़ीसदी सड़कों का निर्माण किया था. जब ओसामा के पिता की 1968 में एक हेलिकॉप्टर दुर्घटना में मृत्यु हुई तब वे युवावस्था में ही करोड़पति बन गए. शस्त्र उठाने की ओर सऊदी अरब के शाह अब्दुल्ला अज़ीज़ विश्वविद्यालय में सिविल इंज़ीनियरिंग की पढ़ाई के दौरान वे कट्टरपंथी इस्लामी शिक्षकों और छात्रों के संपर्क में आए. अनेक बहसों और अध्ययन के बाद वे पश्चिमी देशों में मूल्यों के पतन के ख़िलाफ़ और इस्लाम के कट्टरपंथी गुटों के समर्थन में खड़े हो गए. इससे पहले अपने परिवार के साथ युरोप में मनाई गई छुट्टियों की तस्वीरों में ओसामा को फैशनेबल कपड़ों में भ

तेरे बिन लादेन....

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. ओसामा तुम नहीं रहे. जाने के बाद कितने याद आओगे ये नहीं पता लेकिन जाते जाते कई लोगों को बेरोज़गार और दुःखी ज़रुर कर गए हो. अमरीका से लेकर अफ़गानिस्तान तक और ऑस्ट्रेलिया से लेकर पाकिस्तान तक. यहां तक कि भारत में भी सारे पत्रकार दुःखी हैं. कई सारे देश और नेता भी दुःखी हैं. पत्रकार दुःखी हैं कि अब कौन टेप भेजेगा जिसे छाप छाप कर नौकरी बचाई जाएगी.कहां जाएंगे वो बेसिर पैर विश्लेषण के दिन और आतंकवाद विशेषज्ञ की उपाधियां. कहां जाएंगे वो दिन जब कुछ नहीं होने पर लादेन के नाम का वीडियो लेकर आधे आधे घंटे का कार्यक्रम बना लिया करते थे. हम आज भले ही खुश हैं कि बहुत काम है लेकिन हमें पता है आने वाले दिन बड़े ख़राब होने वाले हैं. हमें भी अब दौड़ना पड़ेगा ख़बरों के लिए. तुम थे तो स्टूडियो में बैठ कर लाइव कर दिया करते थे. कि तुमने फलां फलां कहा और फलां फलां चीज़ चाहते थे. तुम महान थे लादेन तुमने कभी पत्रकारों की बात नहीं काटी. अभी तुम्हारी मौत को 12 घंटे भी नहीं हुए और क्या नौबत आ गई. एक चैनल को एक फ़िल्म (तेरे बिन लादेन) के हीरो से प्रतिक्रिया लेनी पड़ी कि तुम्हारी मौत पर उसको क